पटना, जेएनएन। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि यह तो गुरु गोविंद सिंह की कृपा है कि हमलोगों को सेवा का मौका मिला है। गुरु ने हमें फर्ज का एहसास कराया, ऐसे में सेवा हमारा दायित्व है। बिहार गरीब प्रदेश है, लेकिन मन से और विचार से काफी अमीर है। मन और वैचारिक दृष्टि से यह प्रदेश गरीब नहीं हैं। सिख धर्म में त्याग का विशेष महत्व है। सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर ने अपने परिवार का बलिदान कर दिया। इस कारण दशमेश गुरु को सरवंशदानी कहा जाता है। मुख्यमंत्री दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के 352वें प्रकाशोत्सव पर आयोजित मुख्य समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि दुनिया में टकराव से मुक्ति के लिए और मानवता को सुदृढ़ करने के लिए दशमेश गुरु के विचारों से अवगत होना पड़ेगा। नई पीढ़ी को त्याग के संदेश को ठीक ढंग से जानना होगा। शांति का संदेश नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत साबित होगा।
उधर रविवार को से ही पटना सिटी में रविवार को गुरु के जन्मोत्सव पर हर ओर वाहे गुरु की गूंज सुनाई पड़ रही है। आयोजन को लेकर तख्त श्री हरि मंदिर जी पटना साहिब को दिलकश सजावट से सजाया गया है। गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन सुनाई पड़ रहा है। हर तरफ आस्था का सैलाब उमड़ा दिखाई पड़ रहा है।
मजहब का फर्क मिटा चुके लोगों के कदम खुद ब खुद तख्त साहिब की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। जी आया नूं यानी आपका स्वागत है से हर किसी का संबोधन हो रहा है। हर मोड़ पर संगतों का स्वागत किया जा रहा है। प्रवचन से गुरु घर का माहौल बदल गया है। मुख्य आयोजन के दिन अमृतसर और जालंधर के लोग प्रवचन कर रहे हैं। पटना साहिब के चप्पे चप्पे में तैनात पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मी सिख मेहमानों की हर संभव खिदमत में लगे हैं। बिहार सरकार की मेहमानवाजी से देश-विदेश से आए सिख श्रद्धालु गदगद हैं।
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