पटना [राज्य ब्यूरो]। सीबीआइ बिहार के एक आइएएस और एक आइपीएस पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। आइएएस अभी एक महकमे में विशेष सचिव हैं, जबकि आइपीएस आइजी के पद पर तैनात हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख इन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई प्रारंभ करने की अनुमति मांगी है।
दोनों अफसरों के खिलाफ हैं पर्याप्त सबूत
भागलपुर में करीब 1900 करोड़ के सृजन घोटाले की जांच के क्रम में सीबीआइ को इन दोनों अफसरों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि जिले में डीआइजी के पद पर तैनात रहे आइपीएस अधिकारी के बैंक एकाउंट में सृजन के बैंक खाते से तकरीबन 27 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। हालांकि शुरुआती पूछताछ में उक्त आइपीएस ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने सृजन में कुछ निवेश कर रखा था, वही पैसा वापस आया था। इसी तरह आइएएस अफसर जो उन दिनों भागलपुर में जिलाधिकारी थे, उनके बैंक एकाउंट में भी कई खातों से होती हुई बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी।
अब तक 20 से अधिक की गिरफ्तारी
माना जा रहा है कि इन दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद घोटाले से जुड़े सफेदपोशों के नाम सामने आ सकेंगे। बता दें कि 1900 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले में जांच टीम ने अब तक 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें जिला प्रशासन, बैंक, सृजन संस्था से जुड़े लोग शामिल हैं। केंद्रीय एजेंसी को यदि गिरफ्तारी की अनुमति मिलती है, तो पुलिस सेवा से इस घोटाले में यह पहली गिरफ्तारी होगी। हालांकि इस मसले पर सीबीआइ मुख्यालय के प्रवक्ता आरके गौर ने कहा कि मामले के संबंध में अब तक मुख्यालय को जानकारी नहीं दी गई है।
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